Sunday, March 7, 2010

मेरी सुबह मेरी शाम..

मेरे दिल के अरमान बन गए हो ,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो,
मखमली सी सेज पर जो  सपने सजाती हूँ,
उन सपनो के मेहमान बन गए हो,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो,
आखों में मेरी एक सूखी नदी सी थी,
भर आयें अब तो लगता है बिखेरेंगें मोती,
मेरी पलकों का चैन,सुकून ,आराम बन गए हो,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो!
आहिस्ता से दिल में दस्तक देकर,
अब इस दिल का कोहराम बन गए हो,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो,
एक सोच में था अहसास आपका,
एक सपने में था ख्याल आपका ,
वो हकीकत में मिलेगा ये उम्मीद ना थी ,
मेरी सोच का अंजाम बन गए हो,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो,
जो सपने हैं मेरे उनको हकीकत बनाना चाहती हूँ,
इस दिल में एक प्यार का मंदिर बनाना चाहती हूँ,
हर दर्द में एक चैन पाना चाहती हूँ,
कुछ वक़्त हैं इसमें जब इस सबके लिए में कहूँ,
कि मेरे भगवान् बन गए हो,
मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो!

7 comments:

  1. स्वागत है आपका .....

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  2. बहुत अच्छा ,लिखते रहे....

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  3. आहिस्ता से दिल में दस्तक देकर,
    अब इस दिल का कोहराम बन गए हो,
    मेरी सुबह मेरी शाम बन गए हो,
    Great truth

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  4. इस शुरुआत पर तमाम शुभकामनाएं.
    जारी रहें.

    [उल्टा तीर]

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  5. इस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  6. आप सभी का बहुत धन्यवाद!!

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