Saturday, July 6, 2013

Few words for a broken heart!!

 हर अफसाने के पीछे तेरे, एक वजह दिखाई देती है
 हर दर्द के पीछे तेरे, कोई सजा दिखाई देती है 
अ दोस्त ये ही तो ज़िन्दगी  है, कभी सजा तो कभी मज़ा दिखाई देती है

अपने आंसू के सैलाब न बहा बेवजह 
इनकी भी कीमत है कुछ, ना लुटा बेवजह 
कल ज़रुरत हो किसी को जब इनकी, ऐसा नो हो की तू पत्थर बन जाये बेवजह 

गम ना कर उसका जो चला गया 
वफ़ा समझ उसकी कि वो  तुझको छोड़ गया 
यही तो वक्त है तेरा तुझको जानने का,
किसके लिए बना है तू  पहचानने  का 

ज़िन्दगी नाम नहीं केवल मोहब्बत का 
गर है ...तो जा अब कहीं और दिल लगा।

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