शब्दो की सब माया है और शब्दो का सब खेल है
शब्दो का है मेल ज़रूरी तभी दिलों का मेल है
शब्दो का संसार बड़ा है! कटु, तीखा और शहद भरा है
शब्दो के है जाल अनेक, फसे हमेशा उसमे नेक
शब्दो से हारे हैं राजा शब्दो से जीते हैं फ़कीर
शब्दो से ही बनी "मधुशाला" और शब्दो से ही बने हैं गीत
शब्दो का ही दर्शन है और शब्दो से ही महायन
शब्दो से ही महाभारत है और शब्दो से ही रामायण
शब्दो ने छीनी है गद्दी,
शब्दो ने तोड़े परिवार
शब्दो से ही हुई हैं संधि ,
शब्दो से ही चली तलवार
शब्दो सा हथियार नहीं, इन जैसा कोई बाण नहीं
शब्दो सी तलवार कहाँ और शब्दो सी कोई ढाल नहीं
सीख जाये जो इनको चलाना
उसके पीछे चले ज़माना!!
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